साचे दिल के मित हरी जी साचे दिल के मिता
१ - कब भीलनी काशी पढ़ आई कब पढ़ आई गीता
झूठे बेर हरी नै खाए नेक शरम नही किता
२ - कब कर्मो नै थाल परोसा कब चुला चोका किता
श्याम सुंदर मोहन प्यारे उनका खिचड़ा लिता
३ - कब लुधिया ने स्नान किना कब गंगा जल पिता
उनके हाथ गोपाला बन्धगे जब पहर तीसरा बिता
४ - सची भगती हरीशचंद्र कर गये बिक गये कुटम्ब समिता
सची लगन धुरु के लागी हो बैठे नै चिता
५ - खाली बड़के वेदों के वक्ता कहन सुनन दिन बिता
निश्चय कर गुजरी पार उतरगी पंडत होए फजीता
६ - सच बराबर और कुछ नाही युग युग संत ये कहता
कहे गुरु नानक नाम सुमरलो जावे जन्म थारा बिता
१ - कब भीलनी काशी पढ़ आई कब पढ़ आई गीता
झूठे बेर हरी नै खाए नेक शरम नही किता
२ - कब कर्मो नै थाल परोसा कब चुला चोका किता
श्याम सुंदर मोहन प्यारे उनका खिचड़ा लिता
३ - कब लुधिया ने स्नान किना कब गंगा जल पिता
उनके हाथ गोपाला बन्धगे जब पहर तीसरा बिता
४ - सची भगती हरीशचंद्र कर गये बिक गये कुटम्ब समिता
सची लगन धुरु के लागी हो बैठे नै चिता
५ - खाली बड़के वेदों के वक्ता कहन सुनन दिन बिता
निश्चय कर गुजरी पार उतरगी पंडत होए फजीता
६ - सच बराबर और कुछ नाही युग युग संत ये कहता
कहे गुरु नानक नाम सुमरलो जावे जन्म थारा बिता
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