बाणा बदलो सो - २ बार बाण बदल ज्या बेड़ा पार
१ - क्व़े की चोच सोने से मंडा दो करो हंस की
लार
२ - युग - २ दुध अरंड को सिन्छो लगते नही अनार
चन्दन चुर चुर कर दारो तजता नही महकार
३ - मुर्ख का मुख बंद कर राखो भठी भरे अंगार
सजन के मुख अमी बसंत है जब बोले जब प्यार
४ - अपनी करनी आप ही कर्ता नही किसे सिर भार
नाथ गुलाब मिले गुरु पुरे बेड़ा तो कर दिया पार
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