हेली हम परदेसी लोग बोहड़ नही आवागे
१- शुन्न विच शहर , शहर विच बस्ती
शुन्न में ही नगर बसावां गे हेली हम परदेसी लोग
२ - जल विच कमल , कमल विच कलिया
कलिया में भवर रमावागे हेली हम परदेसी लोग
३ - म्हारे गुरा जी के ऊँचे - ऊँचे मन्दिर
समझ सैन चढ़ जावागे हेली हम परदेसी लोग
४ - म्हारे गुरा जी के अमर बगीचे
बैठ अमर फल खावागे हेली हम परदेसी लोग
५ - शरण म्च्झंदर जती गोरख बोले
अजर-अमर घर पावागे ,
१- शुन्न विच शहर , शहर विच बस्ती
शुन्न में ही नगर बसावां गे हेली हम परदेसी लोग
२ - जल विच कमल , कमल विच कलिया
कलिया में भवर रमावागे हेली हम परदेसी लोग
३ - म्हारे गुरा जी के ऊँचे - ऊँचे मन्दिर
समझ सैन चढ़ जावागे हेली हम परदेसी लोग
४ - म्हारे गुरा जी के अमर बगीचे
बैठ अमर फल खावागे हेली हम परदेसी लोग
५ - शरण म्च्झंदर जती गोरख बोले
अजर-अमर घर पावागे ,
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