कदर करो रे भाई मनुष्य जन्म की बार-२ नही आना है
लाखो आये लाखो जाये जगत मुसाफिर खाना है
१ - सचे सतगुरु के चरणों मे निश दिन शिश झुकाओ रे ,
भेद भाव छोड़ सभी के मन मे अदर पाओ रे ,
जो बिजोगे सो काटोगे बिज बदल नही जाना है ,
२ - मात-पिता की सेवा से जो अपना बदन चुराते है ,
लाख जतन करने पर भी वो नही उजाला पाते है ,
मात-पिता की सेवा ही तो खुशियों भरा खजाना है ,
३ - ये माया तेरे संग चले ना जिसका पहरेदार बना ,
पल भर मे ही होंगे बेगाने जिसका तू मुख्तयार बना ,
दया धर्म सदाचार कमाले जो तेरे संग जाना है ,
४ - मृत्यु की तलवार भयानक सर पे तेरे लटक रही ,
एक नाजुक सी खूंटी पर जान प्यारी अटक रही ,
जिस पिंजरे का गर्व करे तू वो खाली रह जाना है ,
५ - हंसराज खुशकिस्मत है जो मनुष जन्म धन पाया है
चोरासी के चक्र मे निरबन्द कहलाया है
होई मैहर सतगुरु की बोहड़ जन्म नही आना है
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