Monday, 2 January 2017

तेरे सभी खेल अख्तयार है तू सब खेलो का ख्याली


तेरे सभी खेल अख्तयार है तू सब खेलो का ख्याली


१ - तू बाजीगर कहए पूरा तिन लोक में रचा जहूरा
   धर चन्द्र अम्बर और सूरा  तेरे चोधह लोक विस्तार है तेरी महिमा वेद निराली


२ - बण बाजीगर बाजी लावे तरह तरह के खेल दिखावे
   मारे डंक जगत भरमावे  भरमे शक्ल संसार है फेर आप बजावे ताली

३ - खलक खिलौना खेल खिलाड़ी खेलत है तु बहुत प्रकारी
   भगत हेत तने कई बै देह धारी धर- २ के अवतार है तने सबकी करी प्रत्पाली

४ - भुत भविष्य वर्तमान काला तिन काल से सदा तू निराला
   उत्पति परलो सब तेरे खयाला तु रचता बारम्बार है  कभी करे सुमेठ हो ठाली

५ - भ्रमा विष्णु और महेसा धर- २ थक गये ध्यान हमेशा
   चिमन नाथ कहे बेअंत नरेशा तेरा किने न पाया पार है तेरी महिमा वेद निराली

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