तेरे
सभी खेल अख्तयार है तू सब खेलो का ख्याली
१ - तू बाजीगर कहए पूरा तिन लोक में रचा जहूरा
धर
चन्द्र अम्बर और सूरा तेरे चोधह लोक विस्तार
है तेरी महिमा वेद निराली
२ - बण बाजीगर बाजी लावे तरह तरह के खेल दिखावे
मारे
डंक जगत भरमावे भरमे शक्ल संसार है फेर आप
बजावे ताली
३ - खलक खिलौना खेल खिलाड़ी खेलत है तु बहुत
प्रकारी
भगत
हेत तने कई बै देह धारी धर- २ के अवतार है तने सबकी करी प्रत्पाली
४ - भुत भविष्य वर्तमान काला तिन काल से सदा
तू निराला
उत्पति
परलो सब तेरे खयाला तु रचता बारम्बार है कभी
करे सुमेठ हो ठाली
५ - भ्रमा विष्णु और महेसा धर- २ थक गये ध्यान
हमेशा
चिमन नाथ कहे बेअंत नरेशा तेरा किने न पाया पार
है तेरी महिमा वेद निराली
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