म्हारे घट में सावरियो थारो नाम इब नही भुलुगी
१ - साधु आयो सहर में भई मीरा सुनी आवाज
टक टक महला उतरी रे भर मोतियन को थाल
२ - चार कुट का चोतरा भई साधु तपे पचास
उनमे मीरा न्यू तपे रे ज्यू चंदा आकाश
३ - जहर प्याला भेजो राणा देवो मीरा के हाथ
कर चरणा अमृत पि गयी रे थे जाणो रघुनाथ
४ - सर्प पिटारा भेजो राणा मीरा के हाथ
खोल पिटारा देखन लागी बण गयो नो लखा हार
५ - मीरा हर की लाडली भई राणो जन्म को ठोठ
समझायो समजो नहीं रे ले जाती बैकुंठ
६ - मीरा छोटी बलकी भई रहे संता के पास
कलियुग में भक्ति करी रे गुरु मिले रविदास
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