दर्श बिना दुखन लागे री नैन
१ - जब से मै बिसरी स्याम मुरारी ,
कबहू ना पायो सुख चैन ,
२ - टक - २ टक -- २ पंथ निहारु ,
भई है छ मासी दिन रैन ,
३ - भजन करू तो मेरा ह्रदय हे लरजे ,
मीठे मीठे लग रहे बैन ,
४ - मीरा बाई के प्रभु कबहू मिलोगे ,
दुख हरण सुख चैन ,
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