तू खुद ही तो भगवान है
आत्म रूप पिछानो नाही इसलिए पशु समान है
१ - अहंकार ने जब से घेरा मोह माया ने लाया डेरा
कहन लगा सब मेरा मेरा बस यही तेरा अज्ञान है
२ - ये तन माटी की ढेरी बस यही भूल है तेरी
काया को कहता मेरी रे बना इसलिए तू इन्सान है
३ - निष्काम कर्म तू करता जा भजन बैंक में धरता जा
क्यों कंगाली में घिरता जा तू बहुत घना धनवान है
४ - सत चित रूप तुम्हारे पांचो से है तू न्यारा रे
कृष्ण लाल तेरा निसतारा रे कहता चन्द्र भान है
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