Monday, 2 January 2017

भजन बिना बाँवरे तने हिरा सा जन्म गवाया

  भजन बिना बाँवरे तने हिरा सा जन्म गवाया ,



१ - कदे न आवे साध संगत में कदे न हरी गुण गावे
       बै - २ मरा बैल की न्याई उठ सुबेरे खावे ,




२ - ये संसार हाट बणये की सब जग सोदा आवे
       चातर माल चुगणा करगे मुर्ख मूल गवाए ,


३ - ये संसार फूल सम्भल का सुन्वा देख लुभावे
      मारी चोँच जब रुई निकसी मुंडी धुन पछतावे ,


४ - ये संसार माया का लोभी ममता महल बनावे
      कहे कबीर सुनो भाई साधो हाय हाथ कछु न आवे ,

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