भजन बिना बाँवरे तने हिरा सा जन्म गवाया ,
१ - कदे न आवे साध संगत में कदे न हरी गुण गावे
बै - २ मरा बैल की न्याई उठ सुबेरे खावे ,
२ - ये संसार हाट बणये की सब जग सोदा आवे
चातर माल चुगणा करगे मुर्ख मूल गवाए ,
३ - ये संसार फूल सम्भल का सुन्वा देख लुभावे
मारी चोँच जब रुई निकसी मुंडी धुन पछतावे ,
४ - ये संसार माया का लोभी ममता महल बनावे
कहे कबीर सुनो भाई साधो हाय हाथ कछु न आवे ,
१ - कदे न आवे साध संगत में कदे न हरी गुण गावे
बै - २ मरा बैल की न्याई उठ सुबेरे खावे ,
२ - ये संसार हाट बणये की सब जग सोदा आवे
चातर माल चुगणा करगे मुर्ख मूल गवाए ,
३ - ये संसार फूल सम्भल का सुन्वा देख लुभावे
मारी चोँच जब रुई निकसी मुंडी धुन पछतावे ,
४ - ये संसार माया का लोभी ममता महल बनावे
कहे कबीर सुनो भाई साधो हाय हाथ कछु न आवे ,
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