मोहे लागी लग्न गुरु चरणन की ,
१ - गुरु चरणन बिन मोहे कुछ ना भावे ,
जग माया सब सम्पन की
२ - दो अखियाँ म्हारो कहो ना माने ,
नदिया तो बह रही सावन की ,
३ - भव सागर सब सुख गयो है ,
फ़िक्र नही अब तरणं की ,
४ - मीरा के प्रभु गिरधर नागर ,
मै दासी तुम्हारे चरणन की
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